इज़राइल-हिज़्बुल्लाह संघर्ष विराम: क्षेत्रीय स्थिरता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम
इज़राइल-हिज़्बुल्लाह संघर्ष विराम: क्षेत्रीय स्थिरता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम
इज़राइल और हिज़्बुल्लाह के बीच हाल ही में हुए संघर्ष विराम ने उस संघर्ष में एक नया मोड़ ला दिया है जिसने समुदायों को तबाह कर दिया और वैश्विक कूटनीति को चुनौती दी। 14 महीनों के क्रॉस-बॉर्डर संघर्ष के बाद, इस संघर्ष विराम ने क्षेत्र में उम्मीद की एक किरण जगा दी है। बुधवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 4:00 बजे (02:00 जीएमटी) लागू हुए इस समझौते के तहत इज़राइल अगले 60 दिनों में दक्षिणी लेबनान से धीरे-धीरे अपनी सेना को वापस बुलाएगा, और लेबनानी सेना तथा संयुक्त राष्ट्र शांति सेना वहां की जिम्मेदारी संभालेंगी।
इस विकास पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के विभिन्न पक्षों ने प्रतिक्रिया दी है, जिससे इस संघर्ष विराम के क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्व को समझा जा सकता है।
लेबनान में राहत और एकता
लेबनान में संघर्ष विराम को कठिन समय में उम्मीद की एक किरण के रूप में देखा जा रहा है। कार्यवाहक प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने राष्ट्रीय एकता की अपील करते हुए दक्षिण में सुरक्षा सुनिश्चित करने में लेबनानी सेना की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। मिकाती ने संयुक्त राज्य अमेरिका और फ्रांस को उनकी भूमिका के लिए धन्यवाद दिया और इसे स्थिरता की ओर एक बुनियादी कदम बताया।
संसद अध्यक्ष नबिह बेरी ने भी इसी भावना को व्यक्त करते हुए, सभी विस्थापित लेबनानी नागरिकों, विशेष रूप से विदेशों में रह रहे लोगों, से घर लौटने की अपील की। हालांकि, लेबनान अभी भी कई चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिनमें अक्टूबर 2022 से राष्ट्रपति पद का खाली होना प्रमुख है।
हिज़्बुल्लाह ने संघर्ष विराम वार्ता में प्रत्यक्ष रूप से भाग नहीं लिया, लेकिन उसने अपने बयान में संघर्ष जारी रखने और फिलिस्तीनी लड़ाकों का समर्थन करने का वादा किया।
इज़राइल का दृष्टिकोण
इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संघर्ष विराम सुनिश्चित करने में मदद के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का आभार व्यक्त किया। संघर्ष विराम के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए, नेतन्याहू ने यह भी कहा कि इज़राइल इस समझौते को लागू करने और हिज़्बुल्लाह तथा हमास से उत्पन्न खतरों को दूर करने के लिए स्वतंत्र रहेगा।
नेतन्याहू के बयान से यह संकेत मिलता है कि इज़राइल अब गाजा और ईरान के प्रभाव से संबंधित खतरों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकता है।
मानवीय प्रतिक्रियाएं और चुनौतियां
संघर्ष विराम ने विस्थापित लेबनानी नागरिकों में भावनात्मक प्रतिक्रिया उत्पन्न की है, जिनमें से कई दक्षिणी क्षेत्रों में अपने घर लौटने लगे हैं। जश्न और उम्मीद की लहर के बीच, कुछ लोग अपने प्रियजनों की मृत्यु का शोक भी मना रहे हैं, जिनमें हिज़्बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह भी शामिल हैं।
हालांकि, गाजा में भावनाएं मिली-जुली हैं। जहां कुछ फिलिस्तीनियों को ऐसे ही संघर्ष विराम की उम्मीद है, वहीं अन्य लोग डरते हैं कि इज़राइल अपना ध्यान अब गाजा पर और अधिक केंद्रित कर सकता है। सर्दियों के मौसम में, गाजा के विस्थापित नागरिकों ने अपनी दयनीय स्थिति में सुधार के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
वैश्विक प्रतिक्रियाएं: स्थायी शांति के लिए आह्वान
संघर्ष विराम को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से व्यापक समर्थन मिला है:
- रूस ने इसे शांति की ओर एक कदम बताया और सभी पक्षों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले समाधान का आह्वान किया।
- चीन ने तनाव कम करने और स्थिरता लाने के प्रयासों का समर्थन किया।
- यूरोपीय संघ ने संघर्ष विराम को उत्साहजनक बताया और इसे लेबनान की आंतरिक सुरक्षा बढ़ाने का अवसर बताया।
- फ्रांस ने समझौते को साकार करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, विशेष रूप से लेबनान के साथ अपने ऐतिहासिक संबंधों का लाभ उठाकर।
- मिस्र ने इसे व्यापक तनाव कम करने का एक कदम बताया और गाजा पर इज़राइली आक्रमण को रोकने की अपील की।
आगे की राह
इज़राइल और हिज़्बुल्लाह के बीच संघर्ष विराम एक उम्मीद जगाता है, लेकिन यह क्षेत्रीय समस्याओं का समाधान नहीं है। अब अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को समग्र शांति प्रयासों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है, जिसमें लेबनान, गाजा और अन्य क्षेत्रों में संघर्ष के मूल कारणों को संबोधित किया जाए।
स्थायी प्रभाव के लिए प्रमुख बिंदु
- क्षेत्रीय संस्थानों, विशेष रूप से लेबनानी सशस्त्र बलों को सशक्त बनाना।
- अमेरिकी और फ्रांस जैसे देशों द्वारा प्रदर्शित अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करना।
- विशेष रूप से गाजा में मानवीय संकट का समाधान करना।
यह संघर्ष विराम कूटनीति की शक्ति और युद्ध की छाया से मुक्त भविष्य की सामूहिक आशा की याद दिलाता है।
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